बड़ी अजीब विडंबना है की माता आदरणीय भैरो देवी जायसवाल जी के स्वर्गवास उपरांत दूसरे ही दिन अचानक उनके ज्येष्ठ पुत्र आदरणीय शेष नारायण जायसवाल (राजू) जी का भी स्वर्गवास हो गया। माता जी तकरीबन एक माह से अस्वस्थ्य थी।
जिनका उपचार एन सी एच फिर अपोलो तत्पश्चात रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल में चल रहा था। उनके पीछे श्री शेष नारायण जायसवाल जी का तबियत ख़राब होने से उन्हें भी रामकृष्ण केयर अस्पताल रायपुर में भर्ती करवाया गया था। इस तरह मां बेटे दोनों एक साथ एक ही अस्पताल में भर्ती थे।

दिनांक 25 अगस्त को खबर आयी की स्वर्गीय बालकृष्ण जायसवाल जी की धर्म पत्नी का स्वर्गवास हो गया जिनके पार्थिव शरीर का दाह संस्कार दीपका मुक्तिधाम में पुरे रिति रिवाज के साथ दिनांक 26 अगस्त को संपन्न हुआ।
इधर 26 अगस्त की संध्या अब यह खबर आ रही है की स्वर्गीय भैरो देवी जायसवाल जी के ज्येष्ठ पुत्र आदरणीय शेष नारायण जायसवाल जी का भी रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल में स्वर्गवास हो गए ।
इस तरह से एक ही परिवार में लगातार एक के बाद एक हुवे निधन की घटना से जायसवाल परिवार में पूरी तरह से शोक की लहर व्याप्त हो गई।
शेष नारायण जायसवाल ( राजू ) जी secl कर्मचारी थे, और secl से रिटायर भी हो चुके थे। दीपका बेलटिकरी बसावट में उनका निवास था। कुछ दिनों से उनकी तबियत ठीक नहीं चल रही थी उनका इलाज रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल रायपुर में चल रहा था। वह अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड गए।
यह बडे ही आश्चर्य की बात रही की एक ही हॉस्पिटल में माता व पुत्र दोनों का इलाज चल रहा था। और एक के बाद एक करते पहले माता फिर पुत्र देन्ह त्याग स्वर्गवासी हुवे। इस तरह से एक ही परिवार में एक के बाद हुवे लगातार दो शोक समाचार से जायसवाल परिवार में पूरी तरह से शोक की लहर व्याप्त हुई।
26 अगस्त के सुबह ज़ब स्वर्गीय भैरो देवी जायसवाल जी के पार्थिव शरीर की शव यात्रा मुक्तिधाम हेतु निकली थी तब जायसवाल परिवार के साथ साथ आसपास के संबंध संपर्क के लोग भारी संख्या में उमड़े थे। साथ ही दूर दराज के रिस्तेदार भी शामिल हुवे थे।





Uday Kumar serves as the Editor of Nawa Chhattisgarh, a Hindi-language news outlet. He is credited as the author of articles covering local, regional, and national developments.

