रायपुर। नगर निगम के 70 वार्डों में आरक्षण की प्रक्रिया पूरी हो गई है, जिसमें कई भाजपा नेताओं के प्रभाव वाले क्षेत्रों में वार्ड आरक्षित हुए हैं। आगामी नगर निगम चुनावों में इन वार्डों से महापौर पद के संभावित दावेदारों पर नजरें टिकी हुई हैं
आरक्षण प्रक्रिया में 23 वार्ड ओबीसी के लिए और 9 अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित किए गए हैं। इनमें 8 ओबीसी वार्ड और 4 SC वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए हैं। अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए 3 वार्ड आरक्षित हैं।
भाजपा के प्रभाव वाले क्षेत्रों में ये वार्ड हुए आरक्षित –
सिविल लाइन वार्ड (46) : भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के करीबी माने जाने वाले क्षेत्र।
पंडित ईश्वरीचरण शुक्ल वार्ड (22) : महापौर पद के दावेदारों के लिए अहम।
वीर सावरकर नगर वार्ड, अब्दुल हमीद वार्ड : भाजपा के बड़े वोटबैंक वाले क्षेत्र।
महापौर के संभावित दावेदारों पर चर्चा –
आरक्षण के तहत वार्डों के बदलाव ने रायपुर नगर निगम चुनाव में महापौर पद के दावेदारों की संभावनाओं को नया मोड़ दिया है। भाजपा की नजर खास तौर पर ओबीसी और महिला आरक्षित वार्डों पर है।
भाजपा के रणनीतिकारों का कहना है कि आरक्षण के तहत आए वार्डों में पार्टी के मजबूत उम्मीदवारों को उतारकर महापौर पद पर काबिज होने की योजना बनाई जा रही है। सिविल लाइन, वीर सावरकर नगर और पंडित ईश्वरीचरण शुक्ल वार्ड जैसे क्षेत्र भाजपा के लिए विशेष महत्व रखते हैं।
कांग्रेस को चुनौती –
कांग्रेस के लिए यह आरक्षण प्रक्रिया चुनौतीपूर्ण हो सकती है क्योंकि भाजपा अपने प्रभाव वाले क्षेत्रों में जीत दर्ज करने के लिए पूरी ताकत
झोंकने की तैयारी में है। महापौर पद की दौड़ में भाजपा के मजबूत उम्मीदवारों से कांग्रेस को कड़ी टक्कर मिलने की संभावना है।
आगामी दिनों में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां अपने संभावित दावेदारों की सूची तैयार कर रणनीति तय करेंगी। चुनावी सरगर्मी के बीच जनता की नजर इस पर है कि आखिरकार महापौर की कुर्सी किसके खाते में जाती है